009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 1 anirudh Singh द्वारा रोमांचक कहानियाँ में हिंदी पीडीएफ

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009 सुपर एजेंट ध्रुव (ऑपरेशन वुहान) - भाग 1

दिल्ली स्थित भारतीय सुरक्षा एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के मुख्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में रात के 1.30 बजे भी एक बेहद गम्भीर विषय पर चल रही आपातकालीन मीटिंग जारी थी।

'रॉ' के साथ साथ भारत की तमाम सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी इस दौरान मौजूद थे,और उनको सम्बोधित कर रहे थे ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ.रघुराम देसाई ....

सामने की दीवार पर प्रोजेक्टर के द्वारा कुछ स्लाइड्स चलाई जा रही थी, जिस में बार बार एक धुंधले से चेहरे वाला चाइनीज व्यक्ति नजर आ रहा था...उस व्यक्ति और उस से जुड़े हुए कुछ अन्य दृश्यों के बारे में डॉ देसाई विस्तार से बता रहे थे।

"इस शख्स का नाम है चांग ली, यह कोई आम चाईनीज नही है.....यह चाइना की गुप्तचर संस्था 'गुयानबू' का सबसे डेंजरस एजेंट है।
पिछले डेढ़ साल भारत के कई शहरों में इसके मूवमेंट्स की जानकारी हमको हाथ लगी है, पर दुर्भाग्य से लाख कोशिशों के बावजूद हम इसको ट्रेस करने में नाकामयाब रहे थे......पर इंडिया में इसके लम्बे समय तक चलने वाले मूवमेंट्स का पता चलते ही हमारी सारी सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गयी, हमने आईबी के साथ मिलकर एक ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया......लम्बे समय तक चले इस ऑपरेशन में हमारे सामने ऐसे कई तथ्य आए ,जो हमारी नींद उड़ाने के लिए पर्याप्त थे.....
ढेड़ साल से दुनियाभर में तबाही मचा रहा खतरनाक सी- 19 वायरस चाइना निर्मित ही है,इसकी पुष्टि भी हमें इस ऑपरेशन के दौरान हुई है,
दरअसल इस वायरस को चाइना के वुहान शहर की एक लैबोरेटरी में ही बनाया गया है, और अब चाइना इसका प्रयोग एक रासायनिक हथियार के रूप में कर रहा है......साधाहरण तौर से तो यह वायरस बेहद सामान्य है,किसी भी अन्य फ्लू एवं सर्दी जुकाम की तरह,पर चाइना की एक और खतरनाक खोज ' रैबिट्रोजोम केमिकल' जो कि इस वायरस के साथ रिएक्शन करके इसको घातक एवं जानलेवा बना देता है......सबसे पहले तो चाइना ने दुनियाभर में इस वायरस को फैला दिया है....फिर वह अपने दुश्मन देशों को टारगेट करके अपने स्त्रोतों के माध्यम से इस रैबिट्रोजोम कैमिकल को पीने के पानी ,प्राणदायी ऑक्सीजन आदि में मिलाकर वातावरण में छोड़ देता है , कोई भी सी-19 वायरस संक्रमित व्यक्ति जैसे ही इस कैमिकल के प्रभाव में आता है, उसके शरीर मे मौजूद सी19 वायरस भयंकर रूप ले लेता है, और फिर उसका बचना भी असम्भव हो जाता है........चूंकि इस कैमिकल की खासियत यह है कि यह सी-19 वायरस के साथ इस प्रकार की क्रिया तभी कर सकता है, जब वायरस जीवित इंसानी शरीर मे मौजूद हो.......हवा,ठोस,द्रव एवं अन्य स्रोतों में मौजूद वायरस पर इस कैमिकल का असर प्रभावी नही होता है,एवं वातावरण में छोड़ा गया रैबिट्रोजोम कैमिकल भी इंसानी शरीर मे मौजूद वायरस न मिलने की स्थिति में यह कैमिकल भी कुछ घण्टो के बाद स्वतः ही नष्ट होने लगता है।

हमें पता चला है कि इंडिया में सी 19 वायरस की दूसरी लहर के समय भारी मात्रा में यह कैमिकल चाइना द्वारा चोरी छिपे एक्सपोर्ट किया गया था,
इंडिया में इस केमिकल को स्टोर करने से ले कर सिलेक्टेड लोकेशन्स पर इस कैमिकल अटैक की सारी रिस्पांसिबिलिटी चाइना ने चांग ली को सौंपी थी.....और उसने इस काम को बखूबी अंजाम भी दिया.......चांग ली ने महाराष्ट्रा में नासिक, केरल में तिरुअनंतपुरम , साउथ में गुंटूर ,यूपी में आगरा व बनारस ,मध्य प्रदेश में इंदौर आदि जगहों पर अपने बेस बनाये थे, इन्ही स्थानों से उसने इस खतरनाक कैमिकल को कोविड संक्रमितों के सम्पर्क में ला कर हाहाकार मचाई थी, इंडिया में इस वायरस से अब तक जितनी भी मौते हुई है उनका जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ चाइना और उसका यह एजेंट चांग ली है।

बेहद शर्मनाक बात तो यह है कि इंडिया में जितने लोग भी उसके लिए काम करते है वह सभी लोकल इंडियन्स ही है, उन गद्दारो को चांग ली द्वारा मोटी रकम देकर हायर किया जाता है.....
जब तक हमें इस मामले की भनक लगी तब तक बहुत देर हो चुकी थी , लाख कोशिशों के बावजूद भी हम चांग ली तक नही पहुच सकें, उसके लिए काम करने वाले जितने लोगो को हमने अरेस्ट किये है......उनमें से कुछ से हमें बस इतनी जानकारी मिल पाई है कि चांग ली अभी भी इंडिया में ही है, और अब वह कोविड की तीसरी लहर का फायदा उठा कर भयंकर तबाही मचाने की तैयारी कर रहा है.......वह इंडिया के हर स्टेट में कई नए बेस बना रहा है....जितनी मात्रा में रैबिट्रोजोम कैमिकल चाइना से इंडिया लाया गया था उसका सिर्फ 15 प्रतिशत ही अभी तक उपयोग किया गया है, शेष कैमिकल अभी भी देश मे ही छिपा कर रखा गया है......जिसका इस्तेमाल चांग ली द्वारा थर्ड बेव के दौरान किया जाएगा, इसके परिणाम इस हद तक घातक होंगे जिसकी हम कल्पना भी नही कर सकते है ......धूर्त चाइना के इरादे बहुत ही खतरनाक है, हमें कन्फर्म इंफॉर्मेशन मिली है कि चाइना इस कैमिकल मिश्रित वायरस का भी एंटीडोट बना चुका है, और उसका प्लान है कि थर्ड बेव से जब इंडिया लाचार हो जाये तब वह अपनी दोगली पॉलिसी एवम कई शर्तो के साथ एंटीडोट की पेशकश करें, उस कंडीशन में हमारे पास उसकी शर्तो को मानने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नही होगा.........हमारी इकोनॉमी बुरी तरह बर्बाद हो चुकी होगी.......और फिर भविष्य में होने वाली लाखो-करोड़ो मौतों का गुनाहगार चाइना हमारे ही देश के हर सेक्टर में बड़ा इन्वेस्टमेंट करेंगा.......हमारे देश की सभी नीतियों में उसका इंटरफेयर होगा.....यूं कहिए कि स्टइंडिया कम्पनी के उपनिवेशवाद का काला दौर फिर से भारत के सामने होगा......और हम सिर्फ तमाशा देखने के अलावा कुछ नही कर पाएंगे।
हमारे पास बस कुछ ही दिन का समय है.....हमे कुछ भी कर के हर हाल में चाईना के इस कुचक्र को तोड़ना होगा।"

इस घटनाक्रम को बयां करते हुए डॉक्टर देसाई काफी चिंतित थे,उनके माथे की शिकन वहां उपस्थित रॉ एवम अन्य सुरक्षा बलों के अधिकारियों को मामले की गम्भीरता समझाने के लिए काफी थी.........उनमें से कुछ चाइना के इस षड्यंत्र के खिलाफ चलाये जा रहे ऑपरेशन का पहले से हिस्सा थे , तो वहीं अन्य कुछ लोगो के लिए यह एकदम नया केस था.....तो वह देश को बचाने के लिए शुरू होने जा रही एक युद्ध का हिस्सा बनने के लिए रोमांचित हो रहे थे।

"सर, यदि हमारे पास इन सब चीजों के पर्याप्त सबूत है, तो क्यों न हम इस गम्भीर मामले को यूएनओ में ले जा कर इंटरनेशनल इन्वॉल्वमेंट करवा कर चाइना पर प्रेशर बनाये?"
मीटिंग हॉल में मौजूद इंडियन आर्मी के प्रतिनिधि के रूप में मेजर श्रीकांत बख्शी ने डॉक्टर देसाई को अपनी राय दी।

"बख्शी.....चाइना इस प्रकार के रणनीतिक मामलों में बेहद चालाक है.....हमारे पास जो भी सबूत है उसके अनुसार इंडिया में चल रहे इस घटनाक्रम के पीछे का मास्टरमाइंड चांग ली है........दुनिया को दिखाने के लिए चाइना ऑफिशियल तरीके से चांगली को चाइनीज आर्मी के एक भगोड़े के रूप में दिखा चुका है.....और साथ ही अपने देश के मोस्ट वॉन्टेड क्रिमिनल्स की लिस्ट में भी उसको शामिल कर चुका है......इसलिए चाइना एवं उसकी सीक्रेट एजेंसी गुयानबू तुरन्त ही उस से पल्ला झाड़ कर खुद को पाक साफ साबित कर देगा....
हमारे सामने इस मुसीबत से देश को बचाने के लिए अब जो विकल्प शेष बचता है वह है एक सुनियोजित मिशन,जो कि दो स्टेप्स में पूरा हो सकता है....पहला स्टेप ..कि जल्द से जल्द चांगली को पकड़ा जाए और तबाही के लिए तैयार उस छिपे हुए कैमिकल्स को जब्त किया जाए.....पर इस स्थिति में हमे आशंका है कि कही दोबारा से हमारी सुरक्षा व्यवस्था को धता बता कर उस कैमिकल की दूसरी खेप भी भारत न आ जाये।

इस स्टेप के बाद हम कुछ हद तक सुरक्षित हो सकेंगे

इसके बाद दूसरा स्टेप है कि हमारी एक टीम गुप्त तरीके से चाइना जाए......वहां के वुहान शहर की उस चर्चित लैबोरेट्री से कोविड के एंटीडोट का फॉर्मूला चुरा कर लाये.........यह रास्ता सबसे कारगर सिध्द तो होगा......पर सबसे अधिक आत्मघाती भी.......
चाइना जैसे देश मे उनकी कड़ी सुरक्षा को भेद कर वह फॉर्मूला लाना असम्भव सा प्रतीत होता है........बट वी हैव नो अदर ऑप्शन...…..हमको हर हाल में यह रिस्क उठाना ही पड़ेगा...........आप सभी रेडी रहिये,एक ज्वाइंट टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है,जिसकी इन्फॉर्मेशन सुबह तक आपको मिल जाएगी ,मिशन का फर्स्ट स्टेप कल से ही स्टार्ट हो जाएगा.....एन्ड स्टेप टू के लिए हम बहुत जल्दी कोई डिसीजन लेंगे......मीटिंग इज ओवर"

चाईना जैसे शक्तिशाली एवं हाइटेक देश के अंदर जा कर कोई भी ऑपरेशन करना बिल्ली के गले मे घँटी बांधने जैसा ही काम था........शायद रॉ चीफ डॉ देसाई को भी ऐसे मिशन के सफल होने की उम्मीद 0.001% ही होगी....पर देश को नरसंहार से बचाने का कोई और रास्ता न था।

मीटिंग समाप्त हो चुकी थी,वहां मौजूद लगभग सभी लोग जा चुके थे.....पर डॉक्टर देसाई अब अपनी चेयर पर जा बैठे थे......बड़ी ही विचाराधीन मुद्रा में.......देश में छिपे चाइनीज एजेंटो एवं कुछ अपने ही देश के ग़द्दारो से निपटने के लिए तो टास्क फोर्स बना चुके थे.....पर शायद चाइना में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए कुछ भरोसेमंद चेहरों की उन्हें तलाश थी।

" ध्रुव को मिस कर रहे हो देसाई साहब ".....
इस चिरपरिचित आवाज ने उनको एकदम से चौंका दिया......देखा तो इंटेलिजेंस ब्यूरो(आईबी) के असिस्टेंट डायरेक्टर गणपति शंकर तुलरावकर(जी.एस.टी) को खड़ा पाया..........

"उफ्फ....जीएसटी......ध्रुव इज द पास्ट ऑफ अवर एजेंसी......और भूल गए आप.....वह एक धोखेबाज था,गद्दार निकला वह रॉ के लिए।"
झुंझला के डॉ देसाई ने जबाब दिया।

"देसाई साहब....मैं कुछ भी नही भूला.....पर शायद आप भूल गए......धोखा उसने हमें दिया ,या हमने उसे.....उसका साथ ऐसे समय मे छोड़ दिया जब उसे हमारी जरूरत थी.......क्या नही किया था हमारे देश के लिए...आपकी रॉ के लिये....हम सब के लिए.......
देसाई साहब , उसके लिए आप यह झूठा गुस्सा दिखा कर अपने दिल मे जल रही पश्चाताप की आग को छिपा नही सकते, और न ही छिपा सकते है देश के लिए ऐसी कठिन घड़ी में उसकी अहमियत को....."

शायद जीएसटी के शब्दों ने डॉक्टर देसाई के दिल पर प्रहार किया था....तभी तो चिंता में डूबे उनके चेहरा सच मे पश्चाताप के भावों से सिहर गया था।

"जीएसटी.....तू तो मेरा बचपन का दोस्त है यार.....तुझसे भला कभी कुछ छिपा है.......मैं मानता हूँ यार गलत हुआ है ध्रुव के साथ....पर रॉ के अपने कुछ उसूल है....हम अपने इमोशन्स के चलते उनको नही तोड़ सकते......यह भी तू जानता है.......पर ध्रुव को सच में मिस करता हूँ.....ही वाज नॉट ओनली अवर बेस्ट ऑफीसर, बेटे जैसा था मेरा.........इन चार सालों में ऐसा कोई दिन नही जब उसको याद न किया हो......स्पेशली आज......सच कहूँ जीएसटी तो इन चार सालों में ध्रुव की वैल्यू को कोई रीप्लेस नही कर पाया है..…....यदि आज वो यहां होता तो आज हम मिशन चाइना के लिए काफी कॉन्फीडेंट होते.....बट इतनी बड़ी एजेंसी होने के बाबजूद हम चार सालों में यह तक पता नही कर पाए, की वह आखिर दुनिया के किस कोने में है।"

ध्रुव के लिए लिए डॉक्टर देसाई के दिल मे एक खास जगह थी,शायद वह बहुत स्पेशल रहा होगा....रॉ के लिये....इंडिया के लिए ...और डॉक्टर देसाई के लिए भी.....
तभी तो जीएसटी के थोड़ा सा कुरेदने मात्र से ही डॉक्टर देसाई द्वारा ध्रुव के प्रति नफरत के दिखावे की परत तुरन्त ही उतर गई।

जीएसटी ने भी मुस्कुराते हुए बात आगे बढ़ाई "देसाई साहब,जहां तक मैं ध्रुव को जानता हूँ,वह हमसे कितना भी दूर रहे .....देश पर संकट आने की स्थिति में जरूर आएगा........इंसान अपने घर से कितना भी दूर रहे,घर पर नजर जरूर रखता है........भले ही हमारी एजेंसिया उसको न ढूंढ पाई हो, पर उसकी नजर हम पर जरूर होगी.....देसाई साहब.......रॉ से जुड़ी हुई ऑफिशियल वेबसाइट, ट्विटर अकाउंटस ,सोशलमीडिया पर कोई ऐसा सीक्रेट मैसेज पोस्ट कीजिये,जिसको सिर्फ ध्रुव डिकोड कर पाए.......यकीन मानिए वो खुद आपसे सम्पर्क करेगा।....और रही बात उस पर लगे डिपार्टमेंटल चार्ज हटाकर दोबारा 'रॉ' ज्वाइन कराने की.....तो आई एम स्योर ,इतने सेंसटिव मिशन के लिए हमारे प्रेसीडेंट आपको इसकी परमिशन अवश्य दे देंगे । "


"हम्म ......आइडिया तो ब्रिलियंट है जीएसटी, अगर हम ध्रुव को लाने में कामयाब हो गए तो फिर वुहान से वो फॉर्मूला लाने में भी कामयाब जरूर होंगे"

और फिर डॉक्टर देसाई ने एक मेल टाइप कर के तुरन्त ही अपने असिस्टेंट को फॉरवर्ड कर दिया...…..जिसमे एक विशेष सन्देश को सोशलमीडिया पर पोस्ट करने का आर्डर था।
"NATION FIRST- 009 PARAMVEER"

देखने मे तो यह मैसेज बहुत सामान्य था, पर रॉ की भाषा मे यह एक कोड मैसेज था, और इस मैसेज का यूज आपातकाल परिस्थितियों की सूचना देने के लिए किया जाता था..…...
इसमें 009 ध्रुव का कोड नेम, तथा PARAMVEER ध्रुव की कमांडिंग यूनिट का कोड नेम शामिल था।

। कहानी जारी रहेगी ।